हम जैन कुल में जन्मे, अभिमान करो रे और बाबा कुण्डलपुर वाले की भक्ति
हम जैन कुल में जन्मे, अभिमान करो रे,
अभिमान करो रे, गुणगान करो रे,हम जैन कुल में जन्मे, अभिमान करो रे..
कहते हैं प्रणाम सागर, ध्यान करो रे,
ध्यान करो रे, प्रणाम करो रे,
नवकार जपो रे, जयकार करो रे,
हम जैन कुल में जन्मे, अभिमान करो रे..
गुरुवर हैं बड़े सच्चे, इनका मान करो रे,
सन्मान करो रे, ये ध्यान धरो रे,
सन्मान करो रे, ये ध्यान धरो रे,
हम जैन कुल में जन्मे, अभिमान करो रे..
प्रभु लगते बड़े अच्छे, सब नाम जपो रे,
सतकाम करो रे, ये काम करो रे,
सतकाम करो रे, ये काम करो रे,
हम जैन कुल में जन्मे, अभिमान करो रे..
बाबा कुण्डलपुर वाले की भक्ति करो झूम झूम के
झूम झूम के, घूम घूम के,घूम घूम के, झूम झूम के
विद्यासागर छोटे बाबा की भक्ति करो झूम झूम के
बाबा कुण्डलपुर वाले की...
कुण्डलपुर की सुन्दर पहड़िया
पहड़िया पे है सुन्दर अटरिया
झूम झूम के, घूम घूम के,
जहा विराजे बड़े बाबा, भक्ति करो झूम झूम के
बाबा कुण्डलपुर वाले की...
नए मंदिर में हुआ रे कमाल है
बड़े बाबा की मूरत विशाल है
झूम झूम के, घूम घूम के,
मंदिर विराजे बड़े बाबा की भक्ति करो झूम झूम के
बाबा कुण्डलपुर वाले की...
विद्यासागर जी का यह सपना
सपना देखो हो गया अपना
झूम झूम के घूम घूम के
से उठ गए बाबा, भक्ति करो झूम झूम के
बाबा कुण्डलपुर वाले की....
बाज रहे मृदिंग मजीरा
सारे जग की हर ली है पीड़ा
झूम झूम के, घूम घूम के
बिगड़ी बना दे बड़े बाबा की भक्ति करो झूम झूम के
बाबा कुण्डलपुर वाले की...
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