ऋषभ नाथ करते हैं, तुमको नमन ।
(तर्ज : बहुत प्यार करते हैं - साजन )
ऋषभ नाथ करते हैं, तुमको नमन ।
ऋषभ नाथ करते हैं, तुमको नमन,
शरण में हैं आये, तुम्हारी शरण,
ऋषभ नाथ करते हैं तुमको नमन।
भव भव भटकते लगे ना किनारे,
तुम्हारे बिना अब भला कौन तारे,
तुम्ही को पुकारें, हम तारण तरण ।।
ऋषभ नाथ करते हैं...... |
विषय वासना में रहे लिप्त हरदम,
कषायों की ज्वाला में जलते रहे हम,
रागद्वेष का " तारा" होवे शमन ।।
ऋषभ नाथ करते हैं
जपे हर घड़ी नाम जिनवर तुम्हारा,
लगे पार बेड़ा अब तो हमारा,
करे ना कभी हम तो जनम और मरण ।।
ऋषभ नाथ करते हैं
"पारसनाथ करते हैं तुमको नमन।"
"महावीर स्वामी को करते नमन।"