श्री पार्श्वनाथ भगवान की आरति |JAINBHANJAN.BLOGSPOT.com

 

श्री पार्श्वनाथ भगवान की आरति |Parshvnath bhagvan ki aarti

श्री पार्श्वनाथ भगवान की आरति |Parshvnath bhagvan ki aarti |

(रागः- जय जय आरति आदि जिणंदा….)

जय जय आरति पार्श्व जिनन्दा, अश्वसेन वामाजी के नंदा

नील वरण कंचनमय काया नाग नागिन प्रभुदर्श सुहाया

ध्यावे नित नित होते आनन्दा….. ।।1।।

समवसरण प्रबु आप बिराजे तीनो लोक में दुंदुभी बाजे

देश बनारस के सुखकंदा ।।2।। ध्यावे…….

कमठ काष्ट के ढेर जलाए प्रभुजी जलते नाग बचाए

नाग वो जन्मे पद धरणेन्द्रा ।।3।। ध्यावे…..

मेघमाली धन जल बरसावे नासाग्रे प्रभु डूबन आवे

पद्मावती प्रभु चरण ऊंचावे मेघमाली समकित ले अभिनंदा ।।4।।

रत्नों भरी आरति उजवावे धरणेन्द्र पद्मावती आरति गावे

इन्द्र इन्द्राणीयां हर्ष भरन्दा ।।5।। ध्यावे…

चिंतामणीजी की आरति गावे सो नर नारी अमर पद पावे

आत्मा निर्मल शुद्ध करन्दा ।।6।। ध्यावे…




Best jain bhajan.

तुने खुब दिया भगवान, तेरा बहोत बड़ा एहसान,

गुरू साथ - साथ चलना

मंगल-मंगल होय जगत में, सब मंगलमय होय |

हर जनम में बाबा तेरा साथ चाहिये, सिर पे मेरे बाबा तेरा हाथ चाहिये,

Naam hai tera taran hara kab tera darshan hoga

रात्रं दिवस देवा तुझी मूर्ति ध्यानात

गुरु मेरी पूजा गुरु जिनेंद्र

भजन कर मस्त जवानी में, भुडापा किसने देखा है,

पार्श्व प्रभु प्यारा - तमारी धुन लागी

चँवलेश्वर पारसनाथ म्हारी नैया पार लगाजो

Best jain bhajan.

तुने खुब दिया भगवान, तेरा बहोत बड़ा एहसान,

गुरू साथ - साथ चलना

मंगल-मंगल होय जगत में, सब मंगलमय होय |

हर जनम में बाबा तेरा साथ चाहिये, सिर पे मेरे बाबा तेरा हाथ चाहिये,

Naam hai tera taran hara kab tera darshan hoga

रात्रं दिवस देवा तुझी मूर्ति ध्यानात

गुरु मेरी पूजा गुरु जिनेंद्र

भजन कर मस्त जवानी में, भुडापा किसने देखा है,

पार्श्व प्रभु प्यारा - तमारी धुन लागी

चँवलेश्वर पारसनाथ म्हारी नैया पार लगाजो