आओ जिन मंदिर में आओ

  • आओ जिन मंदिर में आओ

    आओ जिन मंदिर में आओश्री जिनवर के दर्शन पाओ

    जिन शासन की महिमा गाओ,

    आया-आया रे अवसर आनन्द का ॥टेक॥

     

    हे जिनवर तव शरण मेंसेवक आया आज

    शिवपुर पथ दरशाय के,दीजे निज पद राज ॥

    प्रभु अब शुद्धातम बतलाओ

    चहुँगति दु:ख से शीघ्र छुड़ाओ

    दिव्य-ध्वनि अमृत बरसाओ

    आया-प्यासा मैं सेवक आनन्द का ।१।

     

    जिनवर दर्शन कीजिएआतम दर्शन होय

    मोहमहातम नाशि केभ्रमण चतुर्गति खोय

    शुद्धातम को लक्ष्य बनाओ

    निर्मल भेद-ज्ञान प्रकटाओ

    अब विषयों से चित्त हटाओ

    पाओ-पाओ रे मारग निर्वाण का ।२।

     

    चिदानन्द चैतन्यमयशुद्धातम को जान

    निज स्वरूप में लीन होपाओ केवलज्ञान

    नव केवल लब्धि प्रकटाओ

    फिर योगों को नष्ट कराओ

    अविनाशी सिद्ध पद को पाओ

    आया-आया रे अवसर आनन्द का ।३।  

Best jain bhajan.

तुने खुब दिया भगवान, तेरा बहोत बड़ा एहसान,

गुरू साथ - साथ चलना

मंगल-मंगल होय जगत में, सब मंगलमय होय |

हर जनम में बाबा तेरा साथ चाहिये, सिर पे मेरे बाबा तेरा हाथ चाहिये,

Naam hai tera taran hara kab tera darshan hoga

रात्रं दिवस देवा तुझी मूर्ति ध्यानात

गुरु मेरी पूजा गुरु जिनेंद्र

भजन कर मस्त जवानी में, भुडापा किसने देखा है,

पार्श्व प्रभु प्यारा - तमारी धुन लागी

चँवलेश्वर पारसनाथ म्हारी नैया पार लगाजो

Best jain bhajan.

तुने खुब दिया भगवान, तेरा बहोत बड़ा एहसान,

गुरू साथ - साथ चलना

मंगल-मंगल होय जगत में, सब मंगलमय होय |

हर जनम में बाबा तेरा साथ चाहिये, सिर पे मेरे बाबा तेरा हाथ चाहिये,

Naam hai tera taran hara kab tera darshan hoga

रात्रं दिवस देवा तुझी मूर्ति ध्यानात

गुरु मेरी पूजा गुरु जिनेंद्र

भजन कर मस्त जवानी में, भुडापा किसने देखा है,

पार्श्व प्रभु प्यारा - तमारी धुन लागी

चँवलेश्वर पारसनाथ म्हारी नैया पार लगाजो