पंचपरमेष्ठी - जैन आरती लिरिक्स jainbhanjanblogspot.co

 पंचपरमेष्ठी - जैन आरती लिरिक्स | Panchparmeshthi Jain Aarti Lyrics | Ehi Vidhi Mangal Aarti Kije

पंचपरमेष्ठी - जैन आरती लिरिक्स
Panchparmeshthi Jain Aarti Lyrics | Ehi Vidhi Mangal Aarti Kije

यह विधि मंगल आरती कीजै,
पंच परम पद भज सुख लीजै।

प्रथम आरती श्री जिनराजा,
भवदधि पार उतार जिहाजा ॥ यह विधि ॥

दूजी आरती सिद्धन केरी,
सुमरत करत मिटे भव फेरी ॥ यह विधि ॥

तीजी आरती सूर मुनिंदा,
जनम-मरण दुःख दूर करिंदा ॥ यह विधि ॥

चौथी आरती श्री उवझाया,
दर्शन करत पाप पलाया ॥ यह विधि ॥

पाँचवीं आरती साधु तुम्हारी,
कुमति विनाशन शिव अधिकारी ॥ यह विधि ॥

छठी ग्यारह प्रतिमा धारी,
श्रावक बंदू आनंद कारी ॥ यह विधि ॥

सातवीं आरती श्री जिनवाणी,
धानत स्वर्ण मुक्ति सुखदानी ॥ यह विधि ॥

संजा करके आरती कीजे,
अपनो जनम सफल कर लीजे ॥ यह विधि ॥

सोने का दीपक, रत्नों की बाती,
आरती करूँ मैं, सारी-सारी राती ॥ यह विधि ॥

जो कोई आरती करे करावे
सो नर-नारी अमर पद पावे ॥ यह विधि ॥

Best jain bhajan.

तुने खुब दिया भगवान, तेरा बहोत बड़ा एहसान,

गुरू साथ - साथ चलना

मंगल-मंगल होय जगत में, सब मंगलमय होय |

हर जनम में बाबा तेरा साथ चाहिये, सिर पे मेरे बाबा तेरा हाथ चाहिये,

Naam hai tera taran hara kab tera darshan hoga

रात्रं दिवस देवा तुझी मूर्ति ध्यानात

गुरु मेरी पूजा गुरु जिनेंद्र

भजन कर मस्त जवानी में, भुडापा किसने देखा है,

पार्श्व प्रभु प्यारा - तमारी धुन लागी

चँवलेश्वर पारसनाथ म्हारी नैया पार लगाजो

Best jain bhajan.

तुने खुब दिया भगवान, तेरा बहोत बड़ा एहसान,

गुरू साथ - साथ चलना

मंगल-मंगल होय जगत में, सब मंगलमय होय |

हर जनम में बाबा तेरा साथ चाहिये, सिर पे मेरे बाबा तेरा हाथ चाहिये,

Naam hai tera taran hara kab tera darshan hoga

रात्रं दिवस देवा तुझी मूर्ति ध्यानात

गुरु मेरी पूजा गुरु जिनेंद्र

भजन कर मस्त जवानी में, भुडापा किसने देखा है,

पार्श्व प्रभु प्यारा - तमारी धुन लागी

चँवलेश्वर पारसनाथ म्हारी नैया पार लगाजो