हे जीव जरा सांभल, तू शुकरी रह्यो छे
हे जीव जरा सांभल, तू शुकरी रह्यो छे छे क्या जवानु तारे ने क्या जई रह्यो छे
उत्तम तने जिमडयो, भव साधनाज करवा नेमावे छे तू, साधनोने मिलववा रत्नों ने फेकी ने तू, पत्थर विणी रह्यो छे छे क्या जवानु तारे, ने क्या जई रह्यो छे
जेने तू माने तारो, आ भव नो छे आ साथी
शाने करे छे तू राग, शाने करे छे मैत्री आत्मा ने भूल तू, काया चुकी रह्यो छे छे क्या जवानु तारे, ने क्या जई रह्यो छे
शैशम विती गयो छे, यौवन रह्यो छे विती आवी रह्यो छे घड़पळ, मृत्यु रह्यो छे ताकी समय ने तू गुमावी, धन ने लूटी रह्यो छे छे क्या जवानु तारे, ने क्या जई रह्यो छे
स्वजन सगा ने मित्रो, सहु ए तने छे व्हाला स्वार्थ पुरोज थाता, थई जाए छे पराया पर ने पोताना करवा, शाने मथी रह्यो छे छे क्या जवानु तारे, ने क्या जई रह्यो छे
दर्शन तारो नथी शुद्ध, ने ज्ञान पण छे काचु व्रत मा घड़ा छे चित्रो, तप ना करे तो जाजू पाया विना तू शाने, महल चढ़ी रह्यो छे छे क्या जवानु तारे, ने क्या जई रह्यो छे
जिनराज तुजने मल्या, सद्गुरु ने तू पाम्यो जिनवचनो पर साचु,विश्वास ते छे कर्यु आटलु मल्या पछी तू,हवे शु शोधी रह्यो छे छे क्या जवानु तारे, ने क्या जई रह्यो छे हे जीव जरा सांभल, तू करी रह्यो छे क्या जवानु तारे, ने क्या जई रह्यो छे